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किसान के खाते में गलत ट्रांजेक्शन से आए 16 लाख, वापिस करने के बजाय चूका दिया पूरा पर्सनल लोन

राजस्थान के अजमेर जिले के किशनगढ़ में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक किसान के खाते में गलती से 16 लाख रुपये ट्रांसफर हो गए। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि किसान ने पैसे वापस करने से मना कर दिया और इसके बजाय उन्होने इन पैसे का इस्तेमाल अपनी पर्सनल लोन चुकाने के लिए कर लिया। इस मामले में बैंक ने कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस से मदद मांगी है।

गलत ट्रांजेक्शन का खुलासा

यह घटना किशनगढ़ के अरनी थाना क्षेत्र के छोटा लांबा गांव के रहने वाले किसान कानाराम जाट से जुड़ी हुई है। किसान के खाते में बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा गलती से 16 लाख रुपये ट्रांसफर हो गए, जो न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के लिए फसल बीमा प्रीमियम के रूप में जमा की जानी थी। बैंक ने 31 दिसंबर को यह गलती पाई जब रकम किसान के खाते में चली गई। बैंक के कर्मचारियों को शुरुआत में इस गलती का पता नहीं चला, जिससे काफी समय तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।

पैसे का गलत इस्तेमाल

जब बैंक ने 10 जनवरी को इस गलत ट्रांजेक्शन का पता चलने के बाद किसान कानाराम जाट से संपर्क किया, तो उसने पैसे वापस करने से इनकार कर दिया। किसान का कहना था कि उसने पहले ही 15 लाख रुपये का उपयोग अपनी पर्सनल लोन चुकाने में कर लिया था, और अब उसे पैसे वापस करने का कोई तरीका नहीं दिखता।

बैंक मैनेजर जितेंद्र ठाकुर ने बताया कि किसान ने 2 से 4 जनवरी के बीच 5-5 लाख रुपये के तीन अलग-अलग ट्रांजेक्शन किए और कुल 15 लाख रुपये निकालकर अपने निजी खर्चों में लगा दिए। जब बैंक को इस बात का पता चला, तो वह तुरंत किसान से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन किसान ने पैसे लौटाने से साफ इनकार कर दिया। अब बैंक ने इस मामले में पुलिस से हस्तक्षेप करने की मांग की है।

कानूनी कार्रवाई का रास्ता

बैंक के अधिकारियों ने कहा कि अगर किसान पैसे वापस नहीं करता, तो उन्हें कानूनी रास्ता अपनाना पड़ेगा। बैंक के पास किसान के किसान क्रेडिट कार्ड और 16 बीघा जमीन के दस्तावेज भी हैं, जिसके आधार पर वे किसान की संपत्ति को नीलाम कर 16 लाख रुपये वसूलने की कार्रवाई कर सकते हैं। बैंक अब इस मामले में सख्त कार्रवाई करने के लिए तैयार है।

पुलिस जांच की पुष्टि

आरणी पुलिस थाने के थाना प्रभारी रामस्वरूप जाट ने पुष्टि की कि मामले की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही किसान के खाता विवरण और सभी दस्तावेजों की जांच करेंगे और मामले का समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। पुलिस ने इस पूरे मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई करने की बात कही है।

क्या है किसान का तर्क?

किसान कानाराम जाट ने बैंक से कहा कि उसे नहीं पता था कि यह पैसा गलती से उसके खाते में ट्रांसफर हुआ है। उसका कहना था कि उसने इस पैसे का इस्तेमाल अपनी पर्सनल लोन चुकाने के लिए किया और अब वह पैसा वापस नहीं कर सकता। किसान का कहना है कि वह पहले ही अपने ऋण चुकता कर चुका है, और अब उसके पास बाकी पैसे नहीं हैं।

बैंक का कदम

बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर जितेंद्र ठाकुर ने कहा कि इस मामले में बैंक ने पूरी जांच की है और अब वह कानूनी कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं। बैंक ने पहले ही किसान से संपर्क किया था, लेकिन किसान की ओर से सहयोग न मिलने के कारण यह मामला पुलिस के पास भेजा गया है।

निष्कर्ष

राजस्थान के अजमेर जिले में यह मामला साफ तौर पर यह दिखाता है कि बैंक और ग्राहक के बीच वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता और समझदारी कितनी महत्वपूर्ण है। गलती से किए गए ट्रांजेक्शन के बाद भी यदि ग्राहक उसे लौटाने से इनकार करता है, तो इससे दोनों पक्षों के लिए समस्याएं पैदा हो सकती हैं। बैंक द्वारा इस मामले में कानूनी रास्ते अपनाने की संभावना के बाद अब यह देखना होगा कि क्या किसान अपना वादा निभाएगा या उसे अपनी संपत्ति गंवानी पड़ेगी।

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